वन ग्रामों के सर्वेक्षण के संबंध में सरकार अपनी नीति स्पष्ट करे - उमंग सिंघार

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आज कहा कि राज्य सरकार ने वन ग्रामों में आदिवासियों को पट्टे प्रदान करने के लिए फिर से सर्वेक्षण कराने के संबंध में घोषणा की है, जिसका वे स्वागत करते हैं, लेकिन इस संबंध में सरकार को नीति स्पष्ट करना चाहिए।
सिंघार ने यहां मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री ने कल यहां एक बैठक में वन ग्रामों में फिर से सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है। सरकार ने यह निर्णय कांग्रेस का दबाव में लिया है। हम और हमारे नेता इस संबंध में काफी दिनों से मांग उठाते आ रहे थे। पूर्व वन मंत्री सिंघार ने कहा कि सरकार की फिर से सर्वेक्षण कराने की पहल ठीक है, लेकिन उसे इस संबंध में समय सीमा निर्धारित कर अपनी नीति स्पष्ट करना चाहिए।
सिंघार ने कहा कि उन्होंने अन्य पार्टी नेताओं के साथ हाल ही में इस मांग को लेकर नेपानगर में रैली कर 15 दिन की समयसीमा देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी। इसके बाद सरकार को झुकना पड़ा है। उन्होंने कहा कि वन ग्रामों में फिर से सर्वेक्षण होगा और जो छूटे हुए पात्र व्यक्ति हैं, उन्हें पट्टे दिए जाएंगे। यह एक स्वागत योग्य कदम है।
नेता प्रतिपक्ष ने राज्य के आदिवासी बहुल अंचल नेपानगर और अन्य क्षेत्रों में वनों की अवैध तरीके से कटायी होने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार को इन मामलों की जांच भी कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे अनेक इलाके हैं, जहां हाल के वर्षों में वनों में अवैध तरीके से कटायी की जा रही है। उन्होंने कहा कि “सेटेलाइट इमेज” से भी वनों की कटायी के संबंध में स्थिति समझी जा सकती है।