कांग्रेस ने सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णा के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की
बेंगलुरु। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) ने शुक्रवार को कर्नाटक लोकायुक्त के समक्ष एक औपचारिक शिकायत दर्ज करा कर मैसूर के सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा के खिलाफ आपराधिक और अदालती अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) की चल रही जांच के संबंध में झूठे और अपमानजनक बयान दिए हैं। लोकायुक्त को 25 जुलाई को लिखे एक पत्र में पार्टी के प्रदेश महासचिव जी.एस. मनोहर ने स्नेहमयी कृष्णा पर जानबूझकर जनता को गुमराह करने और लोकायुक्त संस्था तथा उसके अधिकारियों की ईमानदारी पर संदेह करने का आरोप लगाया।
शिकायत में कृष्णा द्वारा हाल ही में दिए गए सार्वजनिक बयानों का हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक अपील को खारिज कर दिया है और कहा है कि लोकायुक्त की जांच त्रुटिपूर्ण और पक्षपातपूर्ण है।
मनोहर ने पत्र में कहा, "ये टिप्पणियां अदालत की अवमानना के समान हैं और लोकायुक्त संस्था को बदनाम करने तथा उसकी कार्यप्रणाली में जनता का विश्वास हिलाने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।" उन्होंने कहा, "ये टिप्पणियां प्रचार पाने की चाहत प्रतीत होती हैं और न्यायिक आदेशों के अधिकार को चुनौती देने वाले तरीके से की गई हैं।"
केपीसीसी ने लोकायुक्त से इस मामले को तत्काल निपटाने और कृष्णा के खिलाफ उचित आपराधिक एवं न्यायिक प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया। पत्र में आरोप लगाया गया है कि कृष्णा का बयान न केवल भ्रामक था, बल्कि एमयूडीए में अनियमितताओं की अदालत द्वारा निर्देशित चल रही जांच में भी बाधा उत्पन्न कर सकता है।
शिकायत के साथ कथित बयानों की प्रतिलिपियां और मीडिया रिपोर्ट सहित सहायक दस्तावेज़ भी प्रस्तुत किए गए।