पीएम मोदी का ट्रंप को दो टूक जवाब-पाक के कहने पर हुआ सीज़फायर

नई दिल्ली। पीएम मोदी का ट्रंप को दो टूक जवाब-पाक के कहने पर हुआ सीज़फायरअमेरिकी राष्ट्रप्रति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के संघर्ष को रोकने का क्रेडिट लेते रहे हैं। पाकिस्तान ने भी उन्हें इसका श्रेय दे दिया लेकिन भारत की तरफ से किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इंकार किया गया। इसके बावजूद ट्रंप एक नहीं दो नहीं 11-12 बार ये कह चुके हैं कि मैंने भारत-पाकिस्तान की जंग रुकवाई। जिसके बाद सवाल प्रधानमंत्री मोदी पर उठ रहे थे, कि वो ट्रंप के दावे को ख़ारिज क्यों नहीं कर रहे लेकिन अब भारत की तरफ से इस मुद्दे पर ट्रंप को जवाब दे दिया गया है। खुद पीएम मोदी ने इस सीज़फायर पर भारत का रुख साफ़ किया है। जिसके बाद भारत -अमेरिका के रिश्ते सवालों से घिर गए हैं।
हाल ही में हुए भारत-पाकिस्तान के संघर्ष ने पूरी दुनिया को टेंशन में डाल दिया लेकिन 10 मई को दोनों देशों ने संघर्षविराम पर सहमति जताई। इसकी घोषणा सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की। जिसके उन्होंने बाद में श्रेय भी लिया लेकिन अब भारत ने उनके मध्यस्थता के सभी दावों को ख़ारिज कर दिया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच ऑपरेशन सिन्दूर पर बात हुई।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े किसी भी विषय में व्यापार से संबंधित कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान के कहने पर ही भारत ने सीजफायर किया था। भारत कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता और आगे भी नहीं करेगा।
विक्रम मिसरी ने आगे बताया कि दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच ये बातचीत फोन पर हुई जो लगभग 35 मिनट तक चली। इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी जोर देकर कहा कि अब भारत आतंकवाद की घटनाओं को प्रॉक्सी वॉर (परदे के पीछे की लड़ाई) नहीं, बल्कि सीधे युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखेगा। भारत का ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है। यानी PM मोदी ने साफ़ कर दिया कि भारत पाकिस्तान के बीच सीज़फायर में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। जिसके बाद भारत-अमेरिका के संबंधों को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि जिस तरह से ट्रंप बार-बार सीज़फायर का दावा कर रहे थे, और ये भी कह रहे थे कि भले ही मुझे क्रेडिट न दिया जाए लेकिन ऐसा कोई और राष्ट्रपति नहीं करवा सकता था।
ऐसे में अब भारत के प्रधानमंत्री का उनको ये दो टूक जवाब क्या मंज़ूर होगा ? इसका दोनों देशों के रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा ? क्या अमेरिका भारत के खिलाफ कोई कड़े कदम उठाएगा ? दोनों देशों के बीच चल रही व्यापार वार्ता क्या स्थगित हो जाएगी ? क्योंकि जिस तरह दोनों नेताओं की कनाडा में G-7 समिट के दौरान मुलाकात भी नहीं हुई। उसके बाद भारत-अमेरिका में तनाव बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।