ट्रंप ने यूक्रेन हथियार योजना का किया खुलासा, रूस पर टैरिफ लगाने की दी धमकी

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका नाटो देशों के माध्यम से यूक्रेन को उच्चतम श्रेणी का हथियार भेजेगा, साथ ही उन्होंने रूस को धमकी दी कि अगर 50 दिनों के अंदर युद्ध समाप्ति के लिए समझौता नहीं हुआ तो वह रूस पर कड़े टैरिफ लगाएंगे। यह जानकारी बीबीसी ने मंगलवार को दी।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, वाशिंगटन में नाटो प्रमुख मार्क रूटे के साथ बैठक के बाद ट्रंप ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यूक्रेन वह कर सके जो वह करना चाहता है। रूटे ने पुष्टि किया कि अमेरिका ने नाटो के माध्यम से यूक्रेन को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने का निर्णय लिया है तथा यूरोपीय देश इसका खर्च वहन करेंगे।
ट्रंप ने कहा कि यूरोपीय देश यूक्रेन को अपनी पैट्रियट वायु रक्षा प्रणालियां देंगे जिस पर यूक्रेन रूस के घातक हवाई हमलों को विफल करने के लिए निर्भर है और इसके बाद अमेरिका प्रतिस्थापन प्रणाली जारी करेगा। हालांकि न तो रूटे और न ही ट्रंप ने कीव को भेजे जाने वाले हथियारों के बारे में विस्तार से बताया लेकिन रूटे ने कहा कि सौदे में मिसाइल और गोला-बारूद शामिल हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति का हथियार देने का वादा यूक्रेन के लिए एक बड़ा कदम है। ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन की मदद के लिए अरबों डॉलर मूल्य के उच्च-स्तरीय हथियार युद्धक्षेत्र में तेजी से वितरित किए जाएंगे।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एक्स पर कहा कि उन्होंने रूटे के साथ बैठक करने के बाद ट्रंप से बात की और यूक्रेन का समर्थन करने, हत्याओं को रोकने तथा स्थायी एवं न्यायपूर्ण शांति स्थापित करने के लिए साथ मिलकर काम करने की उनकी इच्छा के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, ‘’हमने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ रूसी हमलों से लोगों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने और अपनी स्थिति मज़बूत करने के लिए आवश्यक उपायों एं समाधानों पर चर्चा की। हम शांति स्थापित करने के लिए यथासंभव सकारात्मक रूप से काम करने के लिए तैयार हैं।’’
टैरिफ के मुद्दे पर ट्रंप ने कहा कि अगर यूक्रेन के साथ 50 दिनों के अंदर शांति समझौता नहीं हुआ तो अमेरिका रूस के शेष व्यापार साझेदारों पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा देगा।
इससे रूस के साथ व्यापार करने वाला कोई भी देश अगर अपने उत्पाद अमेरिका को बेचना चाहता है तो उसे इस कर का सामना करना पड़ेगा। उदाहरण के लिए, अगर भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखता है, तो भारतीय सामान खरीदने वाली अमेरिकी कंपनियों को अमेरिकी तटों पर उत्पाद पहुंचने पर 100 प्रतिशत आयात कर या टैरिफ देना होगा। इससे सामान इतना महंगा हो जाएगा कि अमेरिकी कंपनियां संभवतः उन्हें दुसरों से सस्ते दामों पर खरीदना पसंद करेंगी जिससे भारत को राजस्व की हानि होगी।
अमेरिका का उद्देश्य रूस की अर्थव्यवस्था को लड़खड़ाना भी है। सैद्धांतिक रूप से अगर मास्को दूसरे देशों को तेल बेचकर पैसा नहीं कमा पाता तो उसके पास यूक्रेन में युद्ध के लिए भी कम साधन होगा।
उल्लेखनीय है कि तेल और गैस मास्को के राजस्व का लगभग एक तिहाई तथा उसके निर्यात का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है और 100 प्रतिशत टैरिफ रूस की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
यद्यपि टैरिफ और नाटो हथियार सौदे के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी गयी लेकिन व्हाइट हाउस में लौटने के बाद सोमवार को पहली बार ट्रंप ने यूक्रेन को नए सैन्य उपकरण देने का वादा किया।
यह ब्रीफिंग अमेरिकी राष्ट्रपति के लहजे के लिए भी उल्लेखनीय है जिनकी व्लादिमीर पुतिन के प्रति बयानबाज़ी लगातार तीखी होती जा रही है। वह संघर्ष समाप्त करने में प्रगति की कमी से निराश दिखाई दिए जिसके बारे में उनका मानना है कि इसे आसानी से सुलझाया जा सकता है।
पुतिन के साथ अपने संबंधों के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि दोनों इसे पूरा करने के बारे में बहुत कुछ बोलते हैं लेकिन उन्होंने इस तथ्य पर अपनी नाराजगी व्यक्त की कि रूसी राष्ट्रपति के साथ बहुत अच्छे फोन कॉल होने के बाद अक्सर यूक्रेन पर विनाशकारी हवाई हमले होते हैं जिनकी तीव्रता और आवृत्ति बढ़ती जा रही है।
ट्रंप ने कहा, ‘’मैं उसे हत्यारा नहीं कहना चाहता लेकिन वह एक सख्त इंसान है। यह बात सालों से साबित हो चुकी है कि उसने बहुत से लोगों को बेवकूफ़ बनाया है जिसमें क्लिंटन, बुश, ओबामा, बाइडेन शामिल हैं। उसने मुझे बेवकूफ़ नहीं बनाया। एक हद तक बातें नहीं बल्कि काम करना होता है।’’
इस वर्ष के प्रारंभ में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम वार्ता के दो दौर हुए लेकिन अब तक कोई अन्य बैठक निर्धारित नहीं हुई है जिसके लिए मास्को ने कीव को जिम्मेदार ठहराया है।
वर्तमान में ज़ेलेंस्की कीव में अमेरिकी दूत कीथ केलॉग की मेजबानी कर रहे हैं और इससे पहले सोमवार को उन्होंने उत्पादक बैठक की सराहना की थी और कहा था कि वह ट्रंप के समर्थन के लिए उनके आभारी हैं।
क्रेमलिन ने इस घोषणा पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। क्रेमलिन समर्थक एवं पुतिन के पूर्व सहयोगी सर्गेई मार्कोव ने टैरिफ की घोषणा को एक धोखा करार दिया जिससे संकेत मिलता है कि ट्रंप ने यूक्रेन में शांति स्थापित करने का प्रयास छोड़ दिया है।
ट्रंप के इस निर्णय की आलोचकों द्वारा भी प्रशंसा की गई जिनमें प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेटिक पार्टी के लोग भी शामिल हैं। सीनेट की विदेश संबंध समिति की शीर्ष डेमोक्रेट सीनेटर जीन शाहीन ने कहा, ‘’यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइल भेजने का निर्णय, जो हमारे यूरोपीय भागीदारों के सार्थक निवेश के माध्यम से संभव हुआ, पुतिन के भयानक हमले से अनगिनत यूक्रेनियों की जान बचाएगा।’’
उन्होंने इस उपाय को सकारात्मक लेकिन देरी से लिया गया निर्णय बताया और कहा कि पुतिन को युद्ध समाप्त करने के लिए राजी करने के लिए अमेरिका को लंबे समय तक यूक्रेन को निरंतर सुरक्षा सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है।