इज़राइल ने ईरान पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमला किया, परमाणु ठिकानों को बनाया निशाना

इज़राइल ने ईरान पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमला किया, परमाणु ठिकानों को बनाया निशाना
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इज़राइल ने ईरान पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमला किया, परमाणु ठिकानों को बनाया निशाना

  • ईरान पर इज़राइल का पांच चरणों में बड़ा सैन्य हमला, आठ ठिकाने तबाह
  • IRGC प्रमुख हुसैन सलामी की मौत के बाद ईरान का जवाबी हमले का संकेत
  • ईरान ने अमेरिका को बताया ज़ायोनी हमले का जिम्मेदार, UN ने जताई कड़ी चिंता

नई दिल्ली, 12 जून 2025 — इज़राइली सेना ने बुधवार देर रात ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर एक बड़े सैन्य हमले की पुष्टि की है। इज़राइली अधिकारियों ने इसे तेहरान के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई बताया है। इज़राइली मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कुल पांच चरणों में सैकड़ों हमले किए गए हैं और कम से कम आठ स्थानों को निशाना बनाया गया है।

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Israel's Prime Minister Benjamin Netanyahu) ने कहा है कि यह सैन्य अभियान "जब तक आवश्यक होगा, जारी रहेगा।"

इज़राइली सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह हमला ईरानी सैन्य प्रतिष्ठानों और परमाणु कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों पर केंद्रित रहा।

IRGC प्रमुख की मौत, ईरान की कड़ी प्रतिक्रिया

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने पुष्टि की है कि हमले में उसका प्रमुख हुसैन सलामी मारा गया है। गार्ड्स ने सलामी को "राष्ट्र की रक्षा की अग्रिम पंक्ति का सिपाही" बताते हुए श्रद्धांजलि दी।

IRGC ने एक बयान में कहा,

“इस बर्बर अपराध के बावजूद, ईरान की क्रांतिकारी जनता आश्वस्त है कि इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स अपने अन्य सशस्त्र बलों के साथ मिलकर ज़ायोनी दुश्मन के अतिक्रमण का निर्णायक जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।”

ईरान की चेतावनी : अमेरिका भी जिम्मेदार

ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इज़राइल द्वारा किए गए इस हमले की ज़िम्मेदारी सिर्फ ज़ायोनी शासन की ही नहीं, बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका की भी होगी, जो उसका मुख्य समर्थक है।

ईरानी विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर का हवाला देते हुए कहा,

“तेहरान को इज़राइली हमलों का वैधानिक और कानूनी रूप से जवाब देने का पूरा अधिकार है। ज़ायोनी शासन के इस दुस्साहस के गंभीर और दूरगामी परिणाम होंगे।”

संयुक्त राष्ट्र महासचिव की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस सैन्य वृद्धि पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि "मध्य पूर्व में किसी भी प्रकार की सैन्य उथल-पुथल" की निंदा की जाती है।

संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता फ़रहान हक ने बयान में कहा:

“महासचिव सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह करते हैं। ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर इज़राइली हमले विशेष रूप से चिंताजनक हैं, जब ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत चल रही है।”

स्थिति तेजी से गंभीर होती जा रही है और क्षेत्रीय युद्ध की आशंका गहराने लगी है। इस सैन्य टकराव के बीच वैश्विक समुदाय की नजरें अब वाशिंगटन, तेहरान और यरूशलम की अगली कूटनीतिक चाल पर टिकी हैं।


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