मेडिकल शिक्षा में घोटाले की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दें नड्डा : कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि देश में फर्जी तरीके से मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो-सीबीआई की प्राथमिकियों से साफ हो गया है कि चिकित्सा कॉलेजों को मान्यता देने में जबरदस्त घोटाला हुआ है और यह फर्जीवाड़ा स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा की सहमति के बिना संभव ही नहीं है इसलिए नड्डा को जिम्मेदारी लेते अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
कांग्रेस नेत्री डॉ ओनिका मेहरोत्रा ने सोमवार को यहां पार्टी के नये मुख्यालय इंदिरा भवन में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से कई मेडिकल कॉलेज को मान्यता प्रदान की गई है। सीबीआई ने 25 जून को प्राथमिकी दर्ज की है जिसमें कई कॉलेजों के फर्जी होने के प्रमाण मिले हैं। उनका कहना था कि सीबीआई ने दो बड़े घोटाले उजागर किए हैं जिनमें एक एनएमसी में और दूसरा फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया में हुआ है और ये दोनों घोटाले कुख्यात व्यापम घोटाले से भी बड़े हैं। इस बार यह सिर्फ मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं है बल्कि यह घोटाला राजस्थान, हरियाणा, इंदौर, वारंगल और विशाखापत्तनम तक फैला हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने भाजपा पर छात्रों का भविष्य बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सबसे पहले मध्य प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर व्यापम घोटाले की योजना बनी और फिर पूरे देश में पेपर लीक और भर्ती घोटाले हुए। अब इस ठगी में फर्जी मेडिकल कॉलेज शामिल कर दिये हैं और एनएमसी फर्जी फैकल्टी, फर्जी मरीज, क्लोन फिंगरप्रिंट और छेड़छाड़ की गई बायोमेट्रिक प्रणाली का इस्तेमाल कर फर्जीवाड़े के जरिए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी जा रही है। इस घोटाले में मोदी और नड्डा जिम्मेदार हैं क्योंकि उनकी नाक के नीचे देशभर में मेडिकल घोटाला हो रहे हैं लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया है।
कांग्रेस नेत्री ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश भर में 40 से अधिक मेडिकल कॉलेजों ने रिश्वत, फर्जी रिकॉर्ड और हेराफेरी करके मान्यता प्राप्त की है। उनका कहना है कि जांचकर्ताओं के अनुसार है कि मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की परवाह किए बिना निजी संस्थानों से करोड़ों रुपये की रिश्वत ली गई है। उन्होंने इस संबंध में कई मेडिकल कॉलेजों के नाम लिए और कहा कि सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से जुड़ा एक अलग मामला सामने आया है।
उन्होंने कहा कि इस बारे में दर्ज प्राथमिकी में अनियमितताओं का उल्लेख है। इस घोटाले के केंद्र में एनएमसी मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के पूर्णकालिक एक सदस्य का नाम है जिन्होंने कथित तौर पर हवाला चैनलों और बिचौलियों के माध्यम से करोड़ों रुपये की रिश्वत ली थी। सीबीआई द्वारा 30 जून को दर्ज एफआईआर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, एनएमसी, बिचौलियों, प्रतिनिधियों और एक स्वयंभू बाबा सहित 35 व्यक्तियों के नाम हैं लेकिन इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का नाम नहीं है, जिन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेत्री सवाल किया कि क्या सीबीआई प्राथमिकी में नामजद लोगों के भाजपा नेतृत्व से संबंधों की जांच करेगी और इसमें नड्डा का नाम लेगी जिनकी संलिप्तता के बिना ये बड़े घोटाले नहीं हो सकते हैं।